इंडियन एयर फ़ोर्स डे पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, गाज़ियाबाद के तत्वाधान में काव्य संध्या का आयोजन
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l इंडियन एयर फ़ोर्स डे के अवसर पर हमारे वीर जवानों और शहीदों को समर्पित अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, गाज़ियाबाद के तत्वाधान में काव्य संध्या का आयोजन किया गया जिसमे कविताओं, गीतों और ग़ज़लों आदि के रूप में जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर तरह-तरह के रंग बिखेरे ।
प्रो. कमलेश संजीदा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गाज़ियाबाद (उoप्रo) रविवार 8 अक्टूबर 2023 को अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, गाज़ियाबाद के तत्वाधान में काव्य संध्या का आयोजन इंडियन एयर फ़ोर्स डे के अवसर पर हमारे वीर जवानों और शहीदों को समर्पित अमित्र थिएटर, डी-83, पटेल नगर, गाज़ियाबाद में कविताओं, गीतों, दोहों और ग़ज़लों के तरह-तरह के रंग वीर जवानों, शहीदों और सनिकों की वीर गाथाओं पर बिखेरे । कार्यक्रम की अध्यक्षता अशोक श्रीवास्तव जी ने और मंच संचालन डॉ. तूलिका सेठ जी ने किया l
इस अवसर पधारे कैप्टन श्याम कुमार एवं धर्म पत्नी ने मंच की शोभा बढाई और कैप्टन श्याम कुमार जी ने नेवी और एयर फ़ोर्स के कार्यकाल के अपने अनुभव बताए तथा कविताएं सुनाईं l कार्यक्रम का प्रारम्भ सरस्वती वंदना से डॉ. तूलिका सेठ ने अपने मधुर कंठ से किया, उन्होंने सभी श्रोताओं के मन को मोह लिया और इसके बाद एक के बाद एक शायर एवं शायराओं ने अपनी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति के माध्यम से बेहतरीन उपस्थिति दर्ज कराई ।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशिष्ट साहित्यकारों के नाम इस प्रकार हैं जिन्होंने अपना काव्य किया – अशोक श्रीवास्तव (संरक्षक), डॉ. चेतन आनंद-महासचिव(मेरठ प्रान्त), बी. एल. बत्रा अमित्र-अध्यक्ष, प्रो. कमलेश संजीदा- सचिव, अनिमेष शर्मा आतिश, प्रेम सागर प्रेम, वैशाली, अरुण शर्मा साहिबाबादी, शोभा सचान, अनिल सिन्हा, निवेदिता शर्मा, अनुप पांडेय, सीमा सागर, एवं बहुत भारी संख्या में श्रोता मौजूद रहे, जिन्होंने कविता, ग़ज़ल, दोहों, गीतों का भरपूर आनंद लिया और साहित्यकारों द्वारा प्रस्तुत रचनाओ को सरहाया, होसला अफज़ाई की । देश की सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना अनु सिन्हा जी ने अपना वक्तव्य एवं प्रस्तुति दी ।
अंत में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के अध्यक्ष बी एल बत्रा अमित्र द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया । इस अवसर पर उपस्थित कवियों द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी, यह काव्य संध्या लाज़वाब रही ।