डा. रतन लाल शारदा जी की पुण्यतिथि पर विशेष

लेखक : गनपत राय मोहनपुरिया
डाक्टर रतन लाल शारदा जी,महान स्वतन्त्रता सेनानी, समाज सुधारक, गांधीवादी, त्याग, तपस्या के पुजारी, सामाजिक सद्भाव के प्रतीक,कांग्रेस के करोलबाग के ईमानदार और सर्वमान्य नेता थे।
शारदा जी,का जन्म अक्टूबर 1913 राजस्थान में हुआ। आपके पिताश्री किशनलाल जी माता श्रीमती गुलाब देवी धार्मिक व शिक्षा को महत्व समझते थे। आपका विवाह सरयु देवी से हुआ । डा रतन लाल शारदा जी ने तिब्बिया कालेज, करोलबाग में श्रीमती सरयु शारदा जी को भी मेडिकल मे दाखिला कराकर समाज को यह सन्देश दिया कि शिक्षा का पुरूष और महिला का समान अधिकार है।
अंग्रेजो की सरकार के खिलाफ महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में आजादी का आन्दोलन चल रहा था। महात्मा गांधी जी ने समाज के सभी वर्गों, छात्रो, शिक्षकों, व्यापारियों, मजदूरों, महिलाओं को आह्वान किया कि आजादी के आन्दोलन मे साम्राज्यवादी अंग्रेजी सरकार के दमन,लूट के खिलाफ सभी का सहयोग चाहिए। आपने छात्र जीवन में ही महात्मा गांधी जी के आजादी के आन्दोलन, समाज-सुधार, नशाबंदी आन्दोलन, दलित सम्मान, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार, खादी आन्दोलन से जुड़ गये।
आपका घर व शारदा क्लीनिक 16 रैगर पुरा, हरि ध्यान सिह रोड, करोलबाग, कांग्रेस के आजादी के आन्दोलन, समाज सुधारको का केंद्र बन गया। डाक्टर रतन लाल शारदा जी ने भारत विभाजन के समय अनजान दो वर्ष की अबोध कन्या को गोद लेकर सच्चे गांधीवादी होने का परिचय दिया। एक ही मकान में एक साथ सभी बच्चों का पालन-पोषण के साथ साथ शिक्षा दी। डाक्टर राजन शारदा, छोटे सुपुत्र डाक्टर अशोक शारदा, श्रीमती सुमन नागोरी, श्रीमती कुन्ती शारदा, गोद ली हुई कन्या को टीचर्स की शिक्षा देकर सरकारी नौकरी के बाद सभी रस्मों रिवाज के साथ धूमधाम से शादी की। इस त्याग तपस्या, मानवता से शारदा जी को करोलबाग के लोग महान आत्मा मानते थे।
अंग्रेजो भारत छोड़ो 1942 के आन्दोलन के समय डा रतन लाल शारदा जी को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया। आपको 4 साल की सख्त सजा हुई। जेल में आजादी के आन्दोलन के दिवानो मे अरूण असिफ अली जी, सुचेता कृपलानी जी, डाक्टर युद्ध वीर सिंह जी, ब्रज मोहन जी, ज्ञानी जैल सिंह जी, देश बन्धु गुप्ता जी, इन्द्र कुमार गुजराल जी, स्वामी श्रद्धानंद जी के पौत्र चन्दु लाल जी, लज्जा राम जी से मिले। डाक्टर रतन लाल शारदा जी महात्मा गांधी जी की प्रार्थना सभा, पंचकुईया रोड का सारा प्रबंधन का काम देखते थे।
डाक्टर रतन लाल शारदा जी 1961 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। करोलबाग कांग्रेस कमेटी के भी अध्यक्ष रहे हैं। करोलबाग कांग्रेस के नेता कहते थे। करोलबाग कांग्रेस कमेटी,पद्म सिंह रोड का कार्यालय को डाक्टर रतन लाल शारदा जी ने उपलब्ध कराया। इसकी जानकारी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लोकप्रिय नेता श्री जय प्रकाश अग्रवाल जी, कांग्रेस नेता मदन खोरवाल जी अध्यक्ष करोलबाग कांग्रेस कमेटी को जानकारी है।
डा रतन लाल शारदा जी का नाम सभी सरकारी कागजात में नाम दर्ज है। डा अशोक शारदा जी के पास मूल कागजात करोल बाग कांग्रेस कार्यालय के दस्तावेज दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेता आने पूर्व कार्यक्रम बना कर ले सकते है। डा अशोक शारदा जी ने मुझे (गनपत राय मोहनपुरिया) से कहा है। मदन खोरवाल जी आप जिला अध्यक्ष है यह शुभ काम कर सकते है आप की जिम्मेदारी बनती भी है।
डा रतन लाल शारदा जी को विभाजन के समय 1947 में Special Magistrate बनाया गया। आप 1951 से 1971 तक दिल्ली नगर निगम, दिल्ली नगर निगम पालिका के सदस्य रहे। डा रतन लाल शारदा जी सच्चे ईमानदार धार्मिक हिन्दू थे। डा रतन लाल शारदा जी श्री सनातन धर्म मंदिर ,सन्त नगर के 15 साल तक अध्यक्ष रहे। आपने मन्दिर निर्माण में भरपुर मदद की। आप श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा दिल्ली प्रदेश श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव समिति से सामाजिक एकता स्थापित करके भाई चारा शान्ति का सन्देश दिया। आप करोल बाग में उस समय के ऐसे नेता थे। आप अपने क्लीनिक में बैठ कर कोई व्यक्ति कोई फार्म सत्यापित कराने आता था तो आप मना नहीं करते थे। यदि कोई बच्चा भी आता था वह भी निराश हो कर नहीं गया।
1984 मे डा रतन लाल शारदा के नेतृत्व में कामरेड पुरन चन्द पींगोंलिया जी, प गणेश शास्त्री जी, गनपत राय मोहनपुरिया बीस पच्चीस सिख परिवारो के घरो में मिल कर सामाजिक सद्भावऔर सामाजिक एकता के सन्देश को मजबूत करने का काम किया।
एक बार शराब पीने से दिल्ली में काफी लोग मर गये थे। नशाबंदी लागू हो आपने रैगर पुरा, खूब राम जाजोरिया पार्क, रैगर पुरा में बहुत बड़ी सभा का आयोजन किया उसमें डाक्टर रतन लाल शारदा जी, कामरेड पूरन चंद पींगोंलिया जी, कांग्रेस नेता अमित शर्मा जी, मैं (गनपत राय मोहनपुरिया) थे। मुझे इस सभा को सम्बोधित करने का अवसर मिला। मुझे हमेशा अल्प आयु के बावजूद डा रतन लाल शारदा जी से आशिर्वाद मिला। आपके क्लीनिक के अन्दर बाहर तक भीड़ बिडन पुरा के झुग्गी निवासी अपनी हर समस्या के समाधान कराने, पुलिस, अन्य सरकारी तन्त्र के खिलाफ आते थे। आपके पास सबको सम्मान और न्याय मिलता था।
डा रतन लाल शारदा जी, श्री नवल प्रभाकर जी, श्री कंवर सैन मौर्या जी, खूब राम जाजोरिया जी, टी सोहनलाल जी, गंगा प्रसाद धूड़िया जी, दयाराम जलुथरिया जी, मोतीलाल बोकोलिया जी, धन्नी राम जाटव जी, डाक्टर मनोहर लाल वर्मा जी, खुशहाल चंद मोहनपुरिया जी से इनके मधुर सम्बन्ध थे।
आपका देहांत हुआ आपके क्लीनिक व घर के बाहर चार पांच लोगों के साथ मेरे भाई कांग्रेस के लोकप्रिय नेता श्री सज्जन कुमार जी खड़े हुए थे। मैं अपने कार्यालय जा रहा था। मैने देखा और पूछा भाई साहेब जी क्या बात है। भाई साहेब जी ने बताया हम सब के महान नेता डा रतन लाल शारदा जी का देहांत हो गया। शारदा जी का हमारे सम्पूर्ण परिवार से अच्छा सम्बन्ध था। सज्जन कुमार जी ने बताया कि शारदा जी की वसीयत भी अपने आप सामाजिक एकता भाईचारे व जातिवादी प्रथा के खिलाफ क्रान्तिकारी पहल है। यह काम कांग्रेसी और गांधीवादी ही कर सकता हैं। इस वसीयत में यह लिखा था। मेरा अन्तिम संस्कार सत नगर, प्रशाद नगर, करोलबाग में ही होना चाहिए निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार का विरोधी रहा हूं। रैगर समाज का ठहलवा मेरे देहांत की सूचना रैगर समाज की रस्म के अनुसार रैगर पुरा, बापा नगर में आवाज लगा कर सूचना देगा। मेरी सबसे बड़ी श्रद्धा और शोक सभा श्री विष्णु मंदिर रैगर समाज के सामने रैगर समाज के लोग मेरी शोक सभा करें। यही मेरी यही अन्तिम इच्छा है।
मुझे डा रतन लाल शारदा जी से बहुत सीखने समझने का अवसर मिला। सत्य बोलना ही सबसे बडा धर्म है। किसी के काम आ सको। जब मैं राजपत्रित अधिकारी बना। डा रतन लाल शारदा जी को देखा करता था। सबके पेपर सत्यापित भी करते हैं। उस समय गरीब, मजदूरी का काम करते है। मैं भी पार्क में अपनी दुकान पर जेब में मोहर रखता था। मुझे कुछ लोग डराते थे। अनजान के फार्म पर भी हस्ताक्षर करते हो। ऐसा न करो नुकसान हो जायेगा, मैं एक बात कहता था मैं समस्याओ से निबटना जानता हूं।आदमी को हर रोज सीखने का अवसर मिलता है। डा रतन लाल शारदा जी को सलाम करता हूं। सच्ची श्रध्दांजलि यही होगी कि सामाजिक व राजनीतिक लोग जनता से ईमानदारी के साथ जुडे रहै । यही समाज हित व राष्ट्र हित है।