डॉ. संदीप शर्मा को शिक्षा व साहित्यिक क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु सम्मानित किया जाएगा
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरण समाजसेवी संस्था, ग्वालियर के तत्वाधान में 28 अक्टूबर 2023 को आयोजित होने वाले एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार ब्रिलियंस अवार्ड सेरेमनी का भव्य समारोह बंगलुरु के कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक कैलाश चन्द मीणा (IFS), मुख्य अतिथि व वक्ता डॉ० बी.पी. अशोक (IPS), व सूर्यकांत शर्मा होंगे l इनकी गरिमामयी उपस्थिति में डॉ. संदीप शर्मा को सामाजिक सरोकार व शिक्षा-साहित्य के क्षेत्र में नवाचार के विशेष योगदान हेतु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा ।
डॉ. संदीप शर्मा का जन्म हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में गांव बलेटा खुर्द में 25 अगस्त 1976 को हुआ । उन्होंने अपनी पी. एच. डी.शिक्षा ग्रहण करते हुए हिमाचल के साहसिक पयर्टन पर शोध किया । इसके साथ-साथ उन्होंने एम. एस. सी. कैमिस्ट्री, बी. एड, मास्टर इन जर्नलिज़्म जैसी महत्वपूर्ण डिग्रियां भी प्राप्त की । इस समय वह डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, हमीरपुर हिमाचल प्रदेश में विज्ञान शिक्षक के पद पर कार्य कर रहे हैं ।
साहित्यिक क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए वह अभी तक कहानी संग्रह “अपने हिस्से का आसमान” 2018, कहानी संग्रह “अस्तित्व की तलाश” प्रकाशन वर्ष 2019, कहानी संग्रह “माटी तुझे पुकारेगी” प्रकाशन वर्ष 2020, कहानी संग्रह “जिंदगी की लहरें” प्रकाशन वर्ष 2022 प्रकाशित करवा चुके हैं, उनके 10 से अधिक शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं l साहित्य में देश-विदेश की सभी प्रमुख पत्रिकाओं में उनकी अभी तक 50 से अधिक कहानी छप चुकी है । साहित्य क्षेत्र में डॉ संदीप शर्मा को कथा बिंब (मुंबई) द्वारा ‘कमलेशवर स्मृति कथा पुरस्कार-2019’, जय विजय मासिक ई-पत्रिका द्वारा ‘जय विजय रचनाकार सम्मान-2019, शेष साहित्य सदन, पपरोला-बैजनाथ (हि.प्र.) द्वारा ‘स्व. डॉ. प्रेम भारद्वाज ‘प्रेम’ राष्ट्रीय सम्मान’ मिल चुका है ।
डॉ संदीप ग्रामीण परिवेश को अपनी कहानियों का मुखिया बिंदु बनाते हुए सामाजिक समस्याओं को उजागर करते हैं । उनकी कहानियां के पात्र एक अलग मुकाम तक अपनी जिंदगी को लेकर जाते हैं । वे कल्पना का सहारा लेते हुए वास्तविकता के धरातल को आधार बनाकर कहानी लिखते हैं । उनकी कहानियों में अंधविश्वास, इच्छाएं, मोह माया से ग्रसित समाज को एक शिक्षा और पुश्तैनी कामकाज के पतन होने पर गहन चिंतन दर्शाया गया है l समाज में पिछड़े दर्जे के लोगों का जीवन चित्रण भी उनकी कहानियां करती हैं । उनकी कहानियां समसामयिक घटनाओं को वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत करती हैं । उनकी कहानियों में बुजुर्गों से संबंधित कई समस्याएं व बच्चों के कई मुद्दे भी शामिल है । उनकी कहानियों में प्रकृति प्रेम कूट कूट कर भरा है जिससे उन्होंने गाइड जैसी मशहूर कहानी लिखी है, युवाओं से संबंधित कई मुद्दों पर उनकी कहानियां जैसे अस्तित्व की तलाश, नदी के लुटेरे, चरागाहों के चोर, ट्रैकिंग, नदी फिर लौटेगी इत्यादि हैं ।