राजस्थान समग्र शिक्षक संघ के दो दिवसीय जिला स्तरीय शैक्षिक अधिवेशन का हुआ समापन
“शिक्षक दीपक के समान होता हे जो स्वयं जलकर दूसरो को प्रकाश देता है।“
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया व रामलाल रैगर) l राजस्थान समग्र शिक्षक संघ के दो दिवसीय शैक्षिक जिला अधिवेशन समापन का कार्यक्रम राडी के बालाजी मंदिर परिसर में हुआ। अधिवेशन का शुभारंभ मुख्य अथिति पूर्व ब्लाक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र सोनी ने मां शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया तत्पश्चात अध्यापिका चंदा मेवाडा ने मां शारदा की ईश वंदना व गीत प्रस्तुत किया।
समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष यशवीर सिंह चौहान ने अपने उद्बबोधन में कहा कि “शिक्षक समाज को गढ़ने का कार्य करते हे क्योंकि शिक्षक उस दीपक के समान होता हे जो स्वयं जलकर दूसरो को प्रकाश देता है। साथ हो चौहान ने यह भी कहा कि शैक्षिक अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य शिक्षक हितों के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को बड़ावा दिया जाना हे क्योंकि शिक्षक अधिवेशन परस्पर संवाद के जरिए बनाने के साथ ही शिक्षक सम्मेलन शैक्षिक विकास लिए चिंतन एवम मनन के अवसर प्रदान करता है।
कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष रामकिशन रैगर ने संबोधित करते हुये कहा कि शिक्षक संघ की भूमिका भी इस मायने में बहुत महत्वपूर्ण है,शैक्षिक संगठनों के अंतर्गत शिक्षक कि दशा और दिशा पर चिंतन किया जाता हे एवम शिक्षको के आत्म सम्मान के रक्षार्थ सदैव सजग प्रहरी की भूमिका का निर्वाहन करते है ।
सुभाष श्रोत्रीय ने अपने विचार प्रकट करते हुवे कहा कि सरकार विभाग के शिविरा पंचांग कि खुली अवहेलना कर रही है शिक्षको के शैक्षिक अधिवेशन निश्चित की गई तिथियों में ही संपन्न कराना चाहिए।
संघ सभा अध्यक्ष राजाराम राठौर ने अपने विचार प्रकट करते हुवे कहा की शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक शिक्षार्थी व शिक्षा हित में लाई गई योजनाओं का संगठन द्वारा स्वागत किया गया, तथा शिक्षक विरोधी नीतियों का विरोध कर सरकार को वापस लेने हेतु बाध्य किया गया ।
महिला जिला नगर महामंत्री रूपा शर्मा ने संगठन की प्रमुख मांग अप्रैल 2004 के बाद नियुक्त शिक्षको को पुरानी पेंशन स्कीम को राजस्थान के मुख्यमंत्री ने स्वीकार करते हुवे प्रदेश भर के लिय कर्मचारियों के लिय ऐतिहासिक फैसला करते हुवे ओ पी एस को लागू किया उसके लिए संघ की ओर से तहदिल से आभार प्रकट किया गया।
नगर अध्यक्ष जितेंद्र दाधीच ने शिक्षको को संबोधित करते हुवे कहा कि शिक्षको को शिक्षक रहने दे उन्हे गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखा जाए तब जाकर ही शिक्षा विभाग का भला हो सकता है, एवम देश की भावी पीढ़ी ऊर्जावान बनकर देश की सेवा कर सकेगी ।
संघ के दो दिवसीय अधिवेशन के दौरान 41 प्रस्ताव पारित कर दुर्गेश मीणा द्वारा सदन में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया ।
जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश कुमार श्रोत्रिय ने अपने उद्बबोधन में कहा की कोविड-19 के दौरान संगठन के पदाधिकारीयो ने बढ़ चढ़कर सेनेटाइजेशन, निशुल्क भोजन सामग्री, सुखी राशन सामग्री एवम मास्क वितरण के साथ ही, रक्त एवम प्लाज्मा डोनेशन में अग्रणी भूमिका निभाई ।
सुहास शर्मा ने बताया कि मध्यावधि अवकाश कटौती के आदेशों की संगठन ने होली जलाकर विरोध किया, विरोध के फलस्वरूप विभाग को आदेश वापस लेना पड़ा, तथा मध्यावधि अवकाश के साथ शैक्षिक सम्मेलन की तिथियों की घोषणा करनी पड़ी ।
संघ महामंत्री बृजेन्द्र भारती व योगिता मिश्रा ने सैकडो की संख्या में आये शिक्षको,,शिक्षिका बहनों व अतिथियों का तिलक, माला पहनाकर ढोल-बाजे व पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया । राकेश अरोड़ा ने कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों, भाई व बहनों का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम का संचालन निर्मला शर्मा ने किया l
अंत में राष्ट्रगान के पश्चात दो दिवसीय जिला शैक्षिक अधिवेशन का समापन किया । अधिवेशन में बाबू लाल सुमन, प्रताप लाल, मुकेश श्रोत्रिय, दीपेश कुमार, मधु कुमारी, सुनीता वर्मा, कृष्णा वर्मा, ब्रजमोहन, दीपिका, शेफ्ता नाज, अनिता शर्मा, रेखा शर्मा, प्रियंका आदि सहित कई कार्मिक उपस्थित रहे ।