पत्रकारिता के छात्रो और नवोदित पत्रकारों के लिए पढ़ने योग्य पुस्तक : स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l हाजीपुर वैशाली,बिहार के जाने-माने साहित्यकार, शिक्षाविद् व लेखक डॉ. सुधांशु कुमार चक्रवर्ती ने अपनी पुस्तक “स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म” के माध्यम से पत्रकारिता से जुड़ी छोटी छोटी और व्यवहारिक बातों को बताने का प्रयास किया है । कुल मिलाकर 56 पृष्ठों की इस पुस्तक में उन सभी बेसिक पहलुओं को छूने का प्रयास किया गया है जो एक शुरुआती रिपोर्टर को जानना जरुरी होता हैं । सैद्धांतिक रूप से एक रिपोर्टर को रिपोर्टिंग में क्या करना है और क्या नही करना है, यह जानकारी आसान भाषा में बताया गया है ।
लेखक डॉ. सुधांशु कुमार चक्रवर्ती अपने पाठकों को स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म पुस्तक के माध्यम से पत्रकारिता की बारीकियों से रूबरू कराते हुए पत्रकारिता की अवधारणा, उसके उद्देश्य एवं महत्व पर संक्षेप में लिखा है l स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म पुस्तक विशेषतौर पर पत्रकारिता के प्रति लेखक के समर्पण भाव को भी रेखांकित करता है । लेखक के द्वारा इस पुस्तक के लिए उपयोगी सामग्री का संकलन करना और तथ्यों के प्रति सम्मान ही इस पुस्तक को महत्वपूर्ण बनाता है । किसी पुस्तक की लोकप्रियता के पीछे वास्तव में लेखक की रचनाशैली और पुस्तक की विषयवस्तु महत्वपूर्ण होती है ।
इस पुस्तक में लेखक ने पत्रकारिता के बेसिक ज्ञान को संक्षिप्त और सुलभ सरल भाषा में समाचार लेखन, रिपोर्टिंग और शोध, पत्रकारिता, संपादन, पत्रकारिता और स्वतंत्र पत्रकारिता आदि विषयों को गागर में सागर की भांति समेटा गया है l यह पुस्तक पत्रकारिता में करियर की तलाश करने वाले लोगों के लिए एक उत्कृष्ट स्रोत हो सकती है ।
स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म पुस्तक में रिपोर्ट तैयार करने के तरीके पर व्यावहारिक ज्ञान व समाचारों के विभिन्न प्रकारों, समाचार के तत्वों और उससे जुड़े मूल्यों सहित समाचार के संरचनात्मक पहलुओं पर लिखा है । देश और समाज के मुद्दों पर रिपोर्टिंग के लिए आरंभिक शोध के महत्व की प्रक्रिया को समझाने के अलावा समाचार एकत्र करने, समाचार के विभिन्न स्रोतों और उनके वर्गीकरण संबंधी जानकारी दी गयी है ।
यह पुस्तक मीडिया के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले छात्रो और नवोदित पत्रकारों के लिए एक मार्गदर्शक है ।