डॉ. अबू होरैरा सहायक प्रोफेसर को बंगलुरु में ‘सिंबल ऑफ नॉलेज डॉ. भीमराव अम्बेडकर सम्मान से सम्मानित किया गया
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरन समाजसेवी संस्था द्वारा बंगलुरू में अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के नेतृत्व में के.सी.मीणा के संरक्षत्व में रोल ऑफ फाइनेंसियल लिटरेसी इन वीमेन एम्पावरमेंट एंड सोशल इंक्लूजन विषय पर एक दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई l जिसमे डॉ. अबू होरैरा सहायक प्रोफेसर, हिन्दी विभाग मानू, हैदराबाद ने पसमांदा समाज की सामाजिक दशा और दिशा पर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया गया । जिन्हें ‘सिंबल ऑफ नॉलेज डॉ. भीमराव अम्बेडकर सम्मान से सम्मानित किया गया l
डॉ. अबू होरैरा सहायक प्रोफेसर ने अपने संबोधन में गोपाल कृष्ण समाज सेवी संस्था का आभार व्यक्त किया । पसमांदा समाज की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक दशाओं पर गंभीर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि आज यह समाज एकदम हाशिये पर है । उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि मुस्लिम समाज में भी जाति व्यवस्था अत्यधिक जड़ जमाये हुए है । यह समाज अशराफ, अरज़ाल एवं अज़लाफ़ में बंटा हुआ है । अशराफ के अंतर्गत शेख, सैयद, पठान आते हैं तो अशराफ व अरज़ाल के अंतर्गत अनेकों पिछड़ी जातियां समाहित हैं । जिनमे मुख्य रूप से अंसारी, रंगरेज़, इदरीसी शाह, बक्खो, नट इत्यादि हैं जिन्हें पसमांदा मुसलमान कहा जाता है ।
उन्होंने अपने वक्तव्य में इस बात पर भी ज़ोर दिया कि यदि हिन्दू समाज का सफाई कर्मचारी है तो उसे अनुसूचित जाति का दर्जा दिया गया है और वहीं यदि वह मुस्लिम समाज से है तो अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत स्थान दिया जाता है । ऐसा भेद क्यों? अंत में उन्होंने कहा कि पसमांदा समाज की सामाजिक दिशा के विकास में भागीदारी के लिए भारतीय समाज के प्रत्येक वर्ग एक साथ आना होगा, और इनकी आवाज़ बनना होगा । तभी यह समाज अपने पिछड़ेपन से दूर हो सकेगा ।
इस कार्यक्रम की अगली कड़ी में देश के विभिन्न हिस्सों से आये विद्वानों को भी सम्मानित किया गया । इसी कड़ी में डॉ. अबू होरैरा को भी श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के नेतृत्व में ‘सिंबल ऑफ नॉलेज डॉ. भीमराव अम्बेडकर सम्मान से प्रो. परिमल आंबेकर और के वर्षा द्वारा सम्मानित किया गया । कार्यकम के संयोजक श्रीप्रकाश सिंह निमराजे मौजूद रहे । कार्यक्रम में कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किया और उनको सम्मानित किया गया l