Sunday 08 December 2024 11:49 AM
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गोपाल किरन समाजसेवी संस्था द्वारा ग्वालियर में विद्यार्थी दिवस मनाया गया 

दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l  गोपाल किरन समाजसेवी संस्था द्वारा शासकीय माध्यमिक विद्यालय शास्त्री नगर, थाटीपुर ग्वालियर में विद्यार्थी दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजन किया गया l जिसमें मुख्य रूप से श्रीप्रकाश सिंह निमराजे अध्यक्ष गोपाल किरन समाजसेवी संस्था, एडवोकेट आशा गौतम, श्याम सिंह राठौर प्रधानाध्यापक आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे l इस अवसर पर श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने कहा कि बाबा साहब सन् 1900 में आज ही के दिन यानी 7 नवंबर को पहली बार सातारा के स्कूल में गए थे ।

जिनको कभी पढ़ने से रोका गया था, आज पूरी दुनिया उन्हें पढ़ती है, सिंबल ऑफ नॉलेज के नाम से जानती है l

विद्यालय प्रवेश दिवस 7 नवंबर को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है । ‘विद्यार्थी दिवस’ मनाने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 27 अक्तुबर 2017 को लिया गया गया है । इस दिन महाराष्ट्र के सभी विद्यालयों एवं कनिष्ठ महाविद्यालयों में भीमराव आंबेडकर के जीवन पर आधारित व्याख्यान, निबंध, प्रतियोगितायें, क्विज कॉम्पिटिशन, कविता पाठ सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ।

आंबेडकर ने सतारा शहर में राजवाड़ा चौक पर स्थित गव्हर्नमेंट हाईस्कूल अब ‘प्रतापसिंह हाईस्कूल’ में 7 नवंबर 1900 के दिन प्रथम बार स्कूल की अंग्रेजी पहली कक्षा में प्रवेश लिया था । इसी दिन से उनके शैक्षिक जीवन की शुरुआत हुई थी, उस समय उन्हें ‘भीमा’ कहकर बुलाया जाता था । स्कूल में उस समय ‘भिवा रामजी आंबेडकर’ यह उनका नाम रजिस्टर में क्रमांक – 1914 पर अंकित था । जिसके सामने आज भी बालक भीमराव के हस्ताक्षर मौजूद हैं । इस ऐतिहासिक दस्तावेज़ को स्कूल प्रशासन ने सम्मान और गर्व के साथ सहेज रखा है ।

इस घटना के स्मरण के रूप में और विद्यार्थीओं को ‘केवल शिक्षा ही उन्नती का एकमात्र साधन है । उस जगह शिक्षकों का व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं था । इसलिए बाबा साहब ने देश का नियम ही बदल दिया । डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्कूल में प्रवेश न करते तो इस देश का संविधान ना लिख पाते तो शायद हम आज भी शिक्षा के अधिकार से वंचित रहकर स्वाभिमान से जीना भूल जाते l यदि बाबा साहब स्कूल प्रवेश न करते तो !आज वह विश्व  के एक महान विद्वान पंडित नहीं बन पाते ना ही देश का संविधान लिख पाते ना ही वंचित बहुजनों को आजादी दिला पाते नाही शिक्षा का अधिकार प्राप्त होता ना ही आज हमें सर्व सामान्य व्यक्तियों के समान जीने का अधिकार मिल पाता ना ही हम लोकशाही के फल चक पाते, और ना ही आज हम आम आदमी जैसे आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, विधायक, सांसद, मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति आदि जैसे विभिन्न क्षेत्र में बड़े ओदे पर बैठ पाते, ना ही नारी को सम्मान  मिल पाता जिनके हाथों से लिखे संविधान से पूरा भारत देश संचालित होता है l

सभी जाति धर्म के लोगों को समानता से जीने का अधिकार प्राप्त हुआ और संविधान के तीन स्तंभ विधायिका  कार्यपालिका और न्यायपालिका जिसमें शिक्षा ग्रहण कर छात्र अपना स्थान बनाकर सम्मान पाता है, यह विद्यार्थी के लिए गौरव की बात है । भारतरत्न संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी ने आज के दिन महाराष्ट्र के सातारा मैं प्रतापसिंह हाई स्कूल मैं एडमिशन लिया था.। इस दिन बाबा साहेब ने अपनी शिक्षा शुरु की और भारत में लाखो करोड़ों लोगों की जिंदगी में खुशियों की सतत रोशनी भर दी l मान सम्मान, सुख सम्पदा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पद-प्रतिष्ठा पर सभी भारतीयों के एक समान अधिकार सुनिश्चित कर प्रबुद्ध भारत का रास्ता बना दिया l

रजनी कान्वेंट स्कूल  खुरैरी, मुरार, ग्वालियर मैं भी आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख रूप से श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, आर. ए. मितल,ओमप्रकाश,राजकुमारी बरेया, संचालिका, रजनी कॉन्वेंट स्कूल ,भंते आनंद, सत्येंद्र बरेया, इंजीनियर की उपस्थिति में आयोजित हुआ जिसमें स्कूली बच्चे ने भी भाग लिया।

हमारी मांग है कि 7 नवंबर को विद्यार्थी दिवस घोषित किया जाए । समस्त देश वासियों को विधार्थी दिवस की हार्दिक मंगलकामनाये.दी गई । इस अवसर पर कई लोगों ने अपने व्यक्त किए ।

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