हेडमास्टर मणि प्रभा त्रिपाठी को शिक्षा में नवाचार व पर्यावरण संरक्षण हेतु बंगलुरु में सम्मानित किया जायेगा
दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरण समाजसेवी संस्था, ग्वालियर के तत्वाधान में 28 अक्टूबर 2023 को आयोजित होने वाले एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार ब्रिलियंस अवार्ड सेरेमनी का भव्य समारोह बंगलुरु के कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक कैलाश चन्द मीणा (IFS), मुख्य अतिथि व वक्ता डॉ० बी.पी. अशोक (IPS), व सूर्यकांत शर्मा होंगे l इनकी गरिमामयी उपस्थिति में शिक्षित एवं जागरूक हेडमास्टर मणि प्रभा त्रिपाठी को शिक्षा में नवाचार सहित विभिन्न सामाजिक क्षेत्रो में उत्कृष्ट कार्यों द्वारा विशेष योगदान हेतु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा ।
ग्रामीण क्षेत्रो में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और संसाधनों की कमी रहती है । सरकारी विद्यालय शिक्षा के नाम पर मात्र औपचारिकता पूरी करते हैं । संसाधनों के अभाव में स्कूलों में बच्चों की संख्या घट रही है । सरकारी तंत्र स्थिति से वाकिफ होने के बावजूद भी सोया है । लेकिन मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, उसका सम्पूर्ण विकास समाज में ही संभव है l विकसित समाज के लिए आवश्यक है कि उसका प्रत्येक नागरिक शिक्षित एवं जागरूक हो l शिक्षित मनुष्य उपयोगी एवं व्यावहारिक ज्ञान का भंडार रखता है l सीखने सिखाने की प्रक्रिया आदिकाल से चलती आ रही है, मानव का जीवन ही शिक्षा है l
सहसपुर के सरकारी पूर्व माध्यमिक स्कूल में शिक्षित एवं जागरूक मणि प्रभा त्रिपाठी 13 सालो से हेडमास्टर के पद पर कार्यरत है l सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और संसाधनों की कमी बनी रहती है । मणि प्रभा त्रिपाठी ने बताया कि विद्यालय के भवन में टायलेट,पेयजल आदि की बुनियादी सुविधाएँ नहीं थी l मैने विभाग को पत्र लिखा लेकिन फण्ड नहीं मिला l मैंने अपनी बचत के पैसो से बच्चों के पीने के पानी के लिए शुद्ध पेयजल हेतु एक्वागार्ड लगवाया और स्वयं के खर्च और मेहनत से विद्यार्थियों के लिए टायलेट का निर्माण करवाया तथा सभी कक्षाओं में लर्निंग कॉर्नर और प्रिंट रिच वातावरण तैयार किया l मैंने अपने विद्यालय के सामने बंजर पड़ी भूमि पर बहुत सुंदर पुष्प वाटिका जिस पर की सुंदर सुंदर फूल के साथ ही साथ जैविक फल और सब्जियां प्रचुर मात्रा में होती है प्रतिदिन मध्या्ह भोजन में बच्चों को जैविक सब्जियां और फल खाने को उपलब्ध होता है l आज स्कूल छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध हो गया है जिसे दूर दूर से लोग देखने हैं देखने आते हैं l
स्कूल का आहता कंप्लीट नहीं हुआ है फिर भी तार का बाड़ी लगाकर यह सुंदर पुष्प वाटिका को सफलतापूर्वक बनाने में मेरा योगदान रहा है मुझे कई अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय ,विकासखंड स्तरीय, स्तरीय अनेकों पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं मेरे विद्यालय का जो ऑफिस है वह पुरस्कारों से भरा हुआ है l
मणि प्रभा त्रिपाठी ने आगे बताया कि जो गरीब बच्चे होते हैं उनको पढ़ाने में मेरा योगदान रहा है l ऐसे बच्चो में से एक लड़का आज रायपुर के एंटी करप्शन ब्यूरो में पदस्थ है और एक लड़का नायब तहसीलदार बन चुका है l मैंने अपने धन से बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में मदद की है l यही बच्चे मेरी कामयाबी के स्तम्भ है l
छत्तीसगढ़ भर में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने के लिए मैंने पर्यावरण संरक्षण समिति बनाकर आज तक लगभग 70,000 पेड़ लगा चुकी हूं और हमारे समिति का लक्ष्य है 1000000 पेड़ लगाने का है, उस दिशा में हमारा पूरा छत्तीसगढ़ के संकल्प पर्यावरण समिति प्रयासरत है l संरक्षण और संवर्धन की ओर भी हम काम कर रहे है ।
संस्था की और से देहरादून मैं पहली बार सम्मानित किया गया, उसके बाद से उनको अलग अलग विधाओं मैं चयनित किया गया और विभिन्न संस्थाओ द्वारा सम्मानित किया जा चूका है l