Saturday 19 April 2025 1:33 AM
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संपादकीय

“प्रेम से समाज को एकता के सूत्र में पिरोया जा सकता है”

दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l  मानव जीवन ईश्वर की कृपा से मिला है तो हम सबको संकट के समय एक दुसरे की मदद करना चाहिए और सबको साथ-साथ लेकर चलना चाहिए l समाज में हर इंसान एक दुसरे के प्यार का भूखा है । मुसीबत में अगर आपको कोई व्यक्ति याद करता है तो उसके लिए आप भगवान से कम नहीं है । आप शुक्र मनाइए कि ईश्वर ने  आपको कुछ देने वाला बनाया है और किसी की मदद करने से एक सुखद अनुभव की अनुभूति होती है ।

आज समाज में से एकता, प्रेम और भाईचारा का पतन होता जा रहा है और लोगों में एक दूसरे के प्रति कटुता पैदा हो रही है । यही कारण है कि समाज में एकता की जगह विघटन हो रहा है । लोगों में एकता, प्रेम और भाईचारा का माहौल कायम कर सभ्य समाज बनाने में समाजसेवी ईमानदारी से अपनी अहम भूमिका निभाएं, ताकि हमारे  सामाजिक संगठन मजबूत बने ।

समाज में हमे सबके साथ मिल-जुल कर रहना चाहिए, ना जाने कौन व्यक्ति कब कहाँ पर हमारे काम आ जाए, कुछ पता नहीं l आपने देखा होगा रेत में गिरी शक्कर को चिटी उठा सकती है मगर हाथी नहीं l समाज में यदि हर व्यक्ति आपस में मिल जुल कर रहे तो समाज में फैली बुराई को एक दुसरे के सहयोग से दूर किया जा सकता है l

समाज में लोग एक दुसरे से अपनी ईष्या, द्वेष और नफ़रत को भुलाकर आपस में सदभावना रखे तो यहीं सुखद जीवन का अनुभव है l जिससे हम समाज में एकता स्थापित कर सकते है l छोटी छोटी बातों पर एक दुसरे पर छींटाकसी ना करे बल्कि प्रेम से व्यवहार करें l

समाज में कोई भी व्यक्ति ऊंचा या नीचा तथा छोटा बड़ा नही है । ईश्वर ने सबको एक जैसा जीवन दिया है l बस कुछ लोगों ने समाज को बाट कर रखा है । हम सब आपस में एक दुसरे को प्यार की दृष्टि से देखेगे तो सब अपने दिखेंगे l इस जीवन में जिसको यह बात समझ आ गई वही इस दुनिया का सबसे अच्छा इंसान है । मानव जीवन का सही अर्थो में यही सार है l समाज का संपूर्ण ढांचा एकता पर खड़ा है । लोग एकता की शक्ति को जब पहचानेंगे तभी उत्कृष्ट समाज की नींव रखी जा सकती है ।

आज समाज से एकता, प्रेम और भाईचारा का पतन होता जा रहा है और लोगों में एक दूसरे के प्रति कटुता पैदा हो रहा है । यही कारण है कि समाज में विघटन हो रहा है । लोगों में एकता, प्रेम और भाईचारा का माहौल कायम कर अच्छे समाज बनाने में समाजसेवी ईमानदारी से अपनी अहम भूमिका निभाएं, ताकि सामाजिक संगठन मजबूत बने ।

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